सस्ते में सैटेलाइट भेज सकेगा इसरो का रियूजेबल स्पेसक्राफ्ट, 2030 तक भरेगा उड़ान
Kapil Chauhan
News EditorImage Credit: Bhaskar
इसरो ने 2 अप्रैल, 2023 को अपने पुन: प्रयोज्य लॉन्च वाहन के स्वायत्त लैंडिंग प्रयोग को सफलतापूर्वक पूरा किया। यह नासा के स्पेस शटल कार्यक्रम के समान है। इसके 2030 तक उड़ान के लिए तैयार होने की उम्मीद है। उपग्रहों को लॉन्च करने में कम खर्च आएगा और कक्षा में क्षतिग्रस्त उपग्रहों की मरम्मत में भी मदद मिलेगी। पंखों वाली यह तकनीक 20वीं सदी की अमेरिका और रूस की तकनीक से भी ज्यादा उन्नत है।