ई-मेल भी बढ़ा रहे हैं ग्लोबल वॉर्मिंग- रिपोर्ट
Kapil Chauhan
News EditorImage Credit: Shortpedia
ई-मेल और साइबर डेटा से ग्लोबल वॉर्मिंग बढ़ने का खतरा है। वैश्विक डेटा स्टोरेज सेंटर्स दुनिया की बिजली का 2% यूज करते हैं। 2030 तक ये खपत 8% होगी। इतनी बिजली की खपत के बाद जो डेटा स्टोर होता है, उसमें से ज्यादातर बेकार है। ई-मेल ट्रैश इसका सटीक उदाहरण है। रिपोर्ट के मुताबिक, 2018 का 33 जीटाबाइट यानि 1 लाख करोड़ गीगाबाइट डेटा 2025 तक 175 जीटाबाइट हो जाएगा।