लिव इन पार्टनर के बीच सहमति से शारीरिक संबंध रेप नहीं - सुप्रीम कोर्ट
Deeksha Mishra
News EditorImage Credit: shortpedia
बलात्कार और सहमति से बनाए गए संबंध के बीच स्पष्ट अंतर बताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यदि लिव इन पार्टनर आपसी सहमति से संबंध बनाते हैं तो उसे रेप की श्रेणी में नहीं रखा जाएगा.साथ ही कहा कि अगर हालात मर्द के वश में नहीं हैं और वह महिला से शादी करने में नाकाम रहा, तो ऐसा संबंध रेप नहीं कहलाएगा.SC ने महाराष्ट्र की नर्स द्वारा डॉ. के खिलाफ दर्ज कराई गई प्राथमिकी को खारिज करते हुए यह टिप्पणी की. दोनों कुछ वक्त लिव इन में रहे थे.