इराक के कुर्द इलाके में यह महिला 'खतने' के खिलाफ उठा रही है आवाज
Deeksha Mishra
News EditorImage Credit: Wikimedia Commons
इन दिनों इराक के कुर्द इलाके में बच्चियों के खतने में वादी NGO द्वारा चलाए जा रहे अभियान के तहत काफी कमी आई है.इस NGO की कार्यकर्ता रसूल इराक के कुर्द गांव में ठंड में बारिश के आसार के बावजूद भी घर के बाहर देवदूत बनकर खड़ी हैं.वह हिलाने को तैयार नहीं हैं, क्योंकि उन्हें पता है कि अगर वह हटी तो महिलाएं दो बच्चियों का खतना कर देंगी.वहीं साल 2011 में खतने को घरेलू हिंसा कानून के तहत शामिल किया गया था, जिसमें 3 साल की सजा और 80 हजार डॉलर के जुर्माने का प्रावधान था.