नौकरी की ट्रेनिंग दे रहे स्टार्टअप, नौकरी नहीं लगी, तो नहीं लेते फीस
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देश में Income & sharing Agreement (ISA) स्टार्टअप शुरू हुए हैं, जो युवाओं को बेहतर नौकरी और सैलरी पाने में मदद कर रहे हैं। इसके लिए यदि युवाओं का स्टार्टअप के किसी रि-स्किलिंग कोर्स में सिलेक्शन होता है, तो उसे 3 से 9 महीने की ट्रेनिंग दी जाती है। कैंडिडेड नौकरी लगने के बाद फीस दे सकते हैं और यदि नौकरी नहीं लगती तो उन्हें कोई फीस नहीं देनी होती।