कारगिल के बशारत और लेह के नामग्याल को राष्ट्रपति ने किया पद्मश्री से सम्मानित
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बीते दिन नई दिल्ली में आयोजित समारोह में कारगिल के आखून असगर अली बशारत को साहित्य एवं शिक्षा के लिए जबकि सेरिंग नामग्याल को लकड़ी की शिल्पकारी के लिए पद्म पुरस्कार दिया गया। बलती भाषा और संस्कृति को पुनर्जीवित व लोकप्रिय करने में आखून असगर अली बशारत का काफी योगदान है। दूसरी तरफ सेरिंग नामग्याल बीते 40 सालों से लकड़ी की शिल्पकारी से जुड़े हैं। लद्दाख में यह शिल्पकला पीढ़ियों से चली आ रही है।