जातियों से पैदा हुए मतभेद, हम अहिंसा के पुजारी हैं दुर्बलता के नहीं: मोहन भागवत
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संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, "भारत के अस्तिस्व में एकता है। हम अलग दिख सकते हैं। अलग-अलग चीजें खा सकते हैं, लेकिन हमारे अस्तित्व में एकता है। उन्होंने कहा, हमारे आगे बढ़ने से दुनिया भारत से सीख सकती है।" उन्होंने कहा, "भारत को बड़ा बनाना है। इसके लिए हमें डरना छोड़ना होगा। कहा, डरना छोड़ेंगे तो भारत अखंड होगा। हम अहिंसा के पुजारी जरूर हैं, लेकिन दुर्बलता के नहीं।"