सुप्रीम कोर्ट में समलैंगिक विवाह पर केंद्र की टिप्पणी: इस मामले पर संसद करेगा फैसला
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समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने की मांग का विरोध करते हुए केंद्र ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दाखिल किया। इस दौरान कोर्ट में केंद्र ने तर्क दिया कि यह केवल शहरी अभिजात्य वर्ग का दृष्टिकोण है, और यह कि विवाह सभी धर्मों में एक संस्कार है। केंद्र ने अदालत से याचिकाओं को खारिज करने के लिए कहा, क्योंकि इस मामले पर फैसला संसद को करना है।