मौत के बाद भी आईटीआर दाखिल करना होता है जरूरी
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आयकर कानून-1961 की धारा 159 के तहत अगर कोई व्यक्ति गुजर जाता है तो उसके कानूनी वारिस को आईटीआर दाखिल करनी होती है। दरअसल, वित्त वर्ष की शुरुआत से मौत तक अर्जित आय को मृतक की आय माना जाता है। इसके आधार पर ही आय की गणना होती है। अगर मौत से पहले विभाग की ओर से कोई नोटिस जारी होता है तो उसकी जिम्मेदारी भी वारिस की ही होगी।