मुआवजे में देरी पर नियोक्ता को देना होगा 12 फीसदी जुर्माना
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श्रम मंत्रालय के नियमों में बड़े बदलाव हुए हैं। नए प्रस्ताव के तहत तय अवधि के 30 दिन के भीतर कर्मचारी या उसके नॉमिनी को मुआवजे का भुगतान नहीं किया जाता, तो कर्मचारी को 12 फीसदी सालाना ब्याज की दर से जुर्माना देना होगा। श्रम मंत्रालय के मुताबिक, लेकिन किसी दुर्घटना में कर्मचारी की मृत्यु होने या पूर्ण विकलांगता की स्थिति में नियोक्ता को मुआवजे का भुगतान करना होता है।